तनाव हमारी परफोर्मेंस पर असर डालता है
यदि आपका सोचना है कि -“कर्म हमेशा भाग्य से बड़ा होता है!
हर चीज एक कर्म है, कुछ करना एक कर्म है और कुछ न करना भी एक तरह का कर्म है।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥
भगवान् के भरोसे मत बैठो….का पता…भगवान् तुम्हरे भरोसे बैठा हो?
कर्म ही व्यक्ति के भाग्य और जीवन का निर्माण करते हैं।
check here कर्म से भाग्य बनता है और ये भाग्य हमें ऐसी परिस्तिथियों में डालता रहता है जहाँ हम कर्म कर के विजयी सिद्ध हों या परिस्तिथियों के आगे हार मान कर हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे और बिना लड़े ही पराजय स्वीकार कर लें
Log kehte h, Jo bhagye mei likha hota h ,whi hota h… but bhagya likhata kon h, kya GOD likhate h haamara bhagya ? Nahi, hm apna bhagya khud apne karmon se likhte hain…
निश्चित तौर पर वो उतने अच्छे नंबर नहीं लाएगा
खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।
तीन कहानियाँ- जो बदल सकती हैं आपकी जिंदगी!
आज हमारी डिबेट का टॉपिक इन्ही विरोधाभाषी विचारों को लेकर है. हमारा टॉपिक है-
प्रेमानंद महाराज से जानिये कि क्या कर्म द्वारा भाग्य को बदला जा सकता है
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